नेपाल एक ऐसा देश है जो कभी किसी देश का ग़ुलाम नहीं हुआ। हिमालय की गोद में स्थित होने के कारण नेपाल को हिमालयी देश भी कहा जाता है। नेपाल रंगो से भरा सुन्दर देश है जहां एक ओर बर्फ़ से ढकी पहाड़ियाँ हैं, वहीं दूसरी ओर तीर्थस्थान भी हैं। रोमांच के शौक़ीन नेपाल में पर्वतारोहण (Mountaineering), रिवर राफ़्टिंग (River Rafting), बंजी जम्पिंग (Bungee Jumping), जंगल सफ़ारी (Jungle Safari), ट्रेकिंग (Trekking) इत्यादि का आनंद भी ले सकते हैं।
नेपाल एक छोटा स्वतंत्र देश है, जो जाति, क्षेत्रीय समूहों के आधार पर भारत जैसा ही है। प्रतिशत आधार पर सबसे अधिक संख्या हिंदुओं की है उसके बाद अन्य धर्म के लोग भी यहाँ रहते हैं। यह देश मुख्यतः तीन भागों में बँटा हुआ है- पर्वतीय, शिवालिक और तराई क्षेत्र। जीव-जंतु एवं वनस्पति (Flora and Fauna) सम्पदा के मामले में नेपाल में काफ़ी प्रचुरता देखने को मिलती है, जिसमें कई प्रकार के वन्य जीव, लुप्त होने की कगार पर होने वाले जीव, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ इत्यादि शामिल हैं। आप नेपाल किसी भी महीने में जा सकते हैं, लेकिन अक्टूबर से अप्रैल के बिच का समय अच्छा माना गया है
नेपाल एकमात्र ऐसा देश है पूरे विश्व में जहां जीवित देवी की पूजा की जाती है, जिन्हें कुमारी कहा जाता है। यहाँ का समय बाक़ी दुनिया से अलग माउंट एवरेस्ट के हिसाब से चलता है। elephant polo खेल की शुरुआत यहीं से हुई थी। तिलिचो दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित मान्यता प्राप्त झील है। यहाँ गाँजे की खेती आपको हर जगह देखने को मिल जाएगी और इसे यहाँ अवैध नहीं माना जाता। कोसी, बागमती, गण्डक, काली, करनाली और अरुणा यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं, जिनमें पर्यटक रिवर राफ़्टिंग जैसे रोमांच से भरपूर खेलों का आनंद लेते हैं।
काठमांडू
काठमांडू नेपाल की राजधानी और देश का सबसे बड़ा शहर है। यहीं पर नेपाल का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है। काठमांडू अपनी संस्कृति, परम्पराओं, विशिष्ट शैलियों के घर, बाज़ारों, के कारण दुनिया भर के पर्यटकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। काठमांडू में जहां एक ओर यूनेस्को द्वारा घोषित सात विश्व विरासत स्थल हैं, वहीं दूसरी ओर 130 से भी अधिक स्मारक हैं जिनमें हिंदू और बौद्ध स्थल प्रमुख हैं। यहाँ से 8 नदियों का प्रवाह होता है और बागमती इसकी मुख्य नदी है। चारों तरफ़ से पहाड़ियों से घिरे होने के कारण यहाँ प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यहाँ काफ़ी संग्रहालय भी देखने को मिलते हैं और इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है।
पोखरा
पोखरा नेपाल का दूसरा बड़ा शहर है, जो देश के पश्चिमी भाग में स्थित क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा महानगर है। पोखरा राजधानी से 200 किलोमीटर की दूरी पर अन्नपूर्णा पर्वत शृंखला में फेवा झील के किनारे बड़ा हुआ सुंदर शहर है। ट्रेकिंग के शौक़ीन यहाँ अपना बेस कैम्प बनाते हैं अन्नपूर्णा सर्किट में ट्रेक के लिए और इसे पूरी दुनिया में अपनी बहादुरी के लिए मशहूर गुर्खा सैनिकों का घर भी कहा जाता है। यहाँ पर क्षेत्रीय हवाई अड्डा भी है। सेती गंडकि इस शहर की मुख्य नदी है। इसे झीलों का शहर भी कहते हैं और यहाँ का परिवहन बहुत सुगम है जो पोखरा को पूरे देश से जोड़ता है। यहाँ रहने वाले लोग पोखरेलि कहलाते हैं।
चितवन
चितवन नेपाल के दक्षिणी पश्चिम भाग में स्थित जगह है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता एंड जंगलों की वजह से प्रसिद्ध है। किसी समय पर यहाँ घने जंगल हुआ करते थे, जिनमें तेंदुआ, बंगाल टाइगर की तादाद भी अत्यधिक थी। आज भी चितवन बाक़ी जगहों के मुक़ाबले भीड़भाड़ से अछूता है और काठमांडू एवं पोखरा के बाद पर्यटकों की पसंद बना हुआ है। 1973 में स्थापित यहाँ नेपाल का पहला राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे UNESCO द्वारा 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। इसे नेपाल का वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है और इसी से सटा हुआ दूसरा राष्ट्रीय उद्यान जिसका नाम परसा राष्ट्रीय उद्यान है। महेंद्र हाइवे और पृथ्वी हाइवे के द्वारा चितवन बाक़ी देश के साथ जुड़ा हुआ है। भरतपुर हवाई अड्डा एकमात्र हवाई परिवहन का मार्ग है, जो काठमांडू से निरंतर जुड़ा हुआ है। पाटन, विराटनगर, धरान, भक्त पुर, वीरगंज, महेंद्र नगर, विरेंद्र नगर, भरतपुर इसके अन्य प्रमुख नगर हैं।
पर्यटक स्थल
पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू
पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू |
चांगु नारायण मंदिर काठमांडू
पैगोडा शैली में बना यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो काठमांडू घाटी का सबसे पुराना मंदिर कहलाता है।अपनी विशिष्ट शैली में बने होने के कारण भूकम्पों से यहाँ कोई नुक़सान देखने को नहीं मिला
स्वर्ण द्वार
स्वर्ण दार एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक शाही द्वार है, जिसमें कई प्रकार के पत्थर जड़े हुए हैं और कई बरसों से दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ़ आकर्षित करता रहता है। ये द्वार भक्तपुर स्क्वेर दरबार का प्रवेश दार भी है, भक्तपुर दरबार के अंदर बहुत से मंदिर और शाही महल बने हुए हैं।
बौद्धनाथ स्तूप
यह स्तूप नेपाल का सबसे बड़ा और तिब्बती संस्कृति का केंद्र है। नेपाल बौद्ध संस्कृति का भी एक बहुत बड़ा केंद्र है जिसकी निशानी यह स्तूप। यह स्तूप दुनिया भर के बौद्धों का आकर्षण का केंद्र भी है।
लुम्बिनी
बौद्ध धर्म के संस्थापक और प्रचारक महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली, जो सभी बौद्ध धर्मियों और दूसरे धर्मों के लोगों के आकर्षण का केंद्र है।
जनकपुर
माता सीता की जन्मस्थली और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की ससुराल एक धार्मिक स्थल है।
मुक्तिनाथ
गण्डक नदी में पाए जाने वाले शालिग्राम पत्थर, जो हिंदुओं के लिए पूज्यनीय होता है। उन्हीं शालिग्राम भगवान का मंदिर यहाँ स्थापित है।
ककनी
यहाँ से हिमालय के साथ-साथ अन्य पहाड़ियों का सुंदर नज़ारा देखते ही बनता है। ट्रैकिंग करने के लिए नेपाल अच्छी जगहों में से एक है। यहाँ से आप आसानी से बर्फ से ढके पहाड़ देख सकते है।
गोसाईं कुंड
पहाड़ों के बीच एक सुंदर और बड़ी झील, जिसके आसपास नौ और झीलें हैं। गोसाईं कुंड में एक ऐसी मान्यता है जिसके अनुसार ताली बजाते ही ऊपर उठने लगता है पानी।
UNESCO द्वारा संरक्षित विश्व के 8 बड़े पर्वत नेपाल में हैं
माउंट एवेरेस्ट (Mount Everest, सागर माथा) 8,848.86 मीटर
कंचनजंघा (Kangchenjunga) 8,586 मीटर
लहोत्से (Lhotse) 8,516 मीटर
मकालु (Makalu) 8,485 मीटर
चो ओयु (Cho Oyu) 8,188 मीटर
धौलागिरी (Dhaulagiri I) 8,167 मीटर
मनस्लू (Manaslu) 8,163 मीटर
अन्नपूर्णा (Annapurna) 8,091 मीटर
भाषा, संस्कृति एवं त्योहार
नेपाल की अधिकारिक भाषा नेपाली है, इसके अलावा यहाँ आपको हिंदी तिब्बती जैसी अन्य भाषाएँ भी मिल जाएँगी। यहाँ 80 से अधिक जातीय समूह हैं और 123 अलग अलग भाषाएँ बोली जाती हैं। यहाँ की संस्कृति भारत और तिब्बत की संस्कृतियों से मिलती जुलती है, इसके साथ ही भोजन की वस्तुओं में भी समानता देखने को मिलती है। भारत में मनाए जाने त्योहार नेपाल में भी मनाए जाते हैं जैसे- दशैं (विजया दशमी), तिहार(दीपावली), तीज, छठ पूजा, माघी(मकर संक्रांत), सक़ेला, होली इत्यादि। खानपान, त्योहारों, संस्कृतियों में समानता होने की वजह से ही भारत और नेपाल का रिश्ता रोटी और बेटी का है।
नेपाल का परिवहन
अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के चलते नेपाल अभी भी सभी देशों के साथ ज़मीनी और हवाई सम्पर्क पूरी तरह नहीं क़ायम कर पाया है। भारत से नेपाल सड़क और हवाई दोनों मार्गों से पहुँचा जा सकता है। अन्य देशों से सिर्फ़ हवाई मार्ग के ज़रिए ही पहुँचा जा सकता है। यहाँ रेल का विकास बहुत कम हुआ है, परंतु भारत के साथ मिलकर कई रेल परियोजनाओं को विकसित किया जा रहा है। सड़क मार्ग भी कम हैं, बड़े महानगरों के अलावा बहुत सा भूभाग में अभी भी पक्की सड़कें विकसित नहीं हुई हैं, जिस वजह से वर्षा ऋतु में आवागमन रुक सा जाता है।
नेपाल और भारत
भारत और नेपाल के सम्बंध हमेशा से ही घरेलू और अच्छे रहे हैं। इन सम्बन्धों को धार्मिक नज़रिए से देखने पर गौतम बुद्ध और माता सीता की जन्मस्थली सामने आती हैं, जिनका सीधा सम्बंध भारत से है। इसके अलावा महाभारत काल में पांडवों की स्वर्ग यात्रा के तथ्य भी मौजूद हैं।
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